मंगलवार, 26 जुलाई 2011

.......!!!!!!!!!!.इज़हार-ऐ-ख़याल.!!!!!!!!!.........

माना की हमें इल्म नहीं, पर वो भी समझदार कहाँ
टूटी-फूटी जो कह पाये, उस पे भी उन्हें इख्तियार कहाँ |

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